Sunday, January 3, 2010

अंतिम अभिलाषा.....


अर्थी मे से जब धुंआ निकले तो समझ लेना उसकी भाषा...
अब अगले जनम में मिलेंगे...ये है मेरी अंतिम अभिलाषा....!!

6 comments:

  1. अभी इतनी जल्दी अंतिम अभिलाषा की ज़रुरत नहीं है...ज़िंदगी पूरी पड़ी है...जीने के लिए...!!

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  2. अभी इतनी जल्दी अंतिम अभिलाषा की ज़रुरत नहीं है...ज़िंदगी पूरी पड़ी है...जीने के लिए...!!

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  3. jo jivan ko jan lete hain unke liye har pal utsav ho jata hai.

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  4. antim nahi.. aik nayi shuruaat .. aapki post kal charchamanch par hogi.. Dhanyvaad

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